मीरा के पद प्रश्न और उत्तर Class 10

NCERT Solutions for Class 10 Sparsh Chapter 2, “Meera ke Pad,” offer comprehensive answers to the questions and exercises in this literary treasure. Students delve into the world of Meera Bai’s poignant and devotional poetry, exploring themes of love and devotion to the divine. These solutions provide a deeper understanding of Meera’s verses, helping students appreciate the profound spirituality and cultural richness embedded in her poetry. With NCERT Solutions for Class 10 students can enrich their knowledge of Hindi literature and heritage.

NCERT Solutions for Class 10 Sparsh Chapter-2 Meera ke Pad Questions and Answers

प्रशन – अभ्यास

(क) निम्नलिखित पदों के उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1. पद में मीरा ने हरि से अपनी पीड़ा हरने की विनती किस प्रकार की है?

उत्तर: पहले पद में मेरा श्रीकृष्ण को संबोधित करते हुए कहती है कि हे कृष्ण! जैसे आपने द्रोपदी की लाज रखी थी, भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए नृसिंह अवतार लिया था, आपने ही डूबते हुए हाथी को मगरमच्छ के मुंह से बचा कर उसकी पीड़ा दूर की थी। उसी प्रकार हे प्रभु! मुझे भी सांसारिक संता को से मुक्ति दिलाते हुए अपने चरणों में जगह दीजिए। क्योंकि आप भक्तों की पीड़ा को दूर करते हो।

प्रश्न 2. दूसरे पद में मीराबाई श्याम की चाकरी क्यों करना चाहती है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: दूसरे पद में मेरा श्याम की चाकरी इसलिए करना चाहती है क्योंकि वह श्रीकृष्ण को सर्वस्व समर्पित कर चुकी है। श्री कृष्ण की दासी बनकर उनके दर्शन का सुख पा सकेगी और उनके समीप रह पाएगी। वह उनके लिए बाग लगाना चाहती है। जिसमें कि श्री कृष्ण विहार कर सकें और मीरा वृंदावन की गलियों में उनकी लीलाओं का गुणगान करना चाहती है। किस प्रकार मीरा दासी बनकर श्री कृष्ण के दर्शन, नाम और समर्पण रूपी तीनों जागीरो को प्राप्त कर अपना जीवन सफल बनाना चाहती है।

प्रश्न 3. मीराबाई ने श्री कृष्ण के रूप-सौंदर्य का वर्णन कैसे किया है?

उत्तर: मीराबाई ने श्री कृष्ण के रूप सौंदर्य का अलौकिक वर्णन करते हुए कहती है कि उन्होंने सिर पर मोर मुकुट धारण किया है तथा गले में वैजयंती माला पहनी हुई है। उनके वस्त्र पीले रंग के हैं जो उनकी शोभा को ओर बढ़ाते हैं। और वे गाय चराते हुए मुरली बजा रहे हैं।

प्रश्न 4. मीराबाई की भाषा शैली पर प्रकाश डालिए।

उत्तर. मीराबाई के पदों की भाषा अत्यंत सहज और सुबोध है। उन्होंने अपने पदों में कई भाषाओं का जैसे कि बृज, पंजाबी, राजस्थानी और गुजराती आदि का प्रयोग किया है। पदावली कोमल व भावानुकूल है। मीराबाई के पदों में भक्ति रस है। मीराबाई की भाषा में अनेक अलंकारों का भी सफल प्रयोग हुआ है।

प्रश्न 5. वे श्री कृष्ण को पाने के लिए क्या-क्या कार्य करने को तैयार है?

उत्तर: मीराबाई ने कृष्ण को प्रियतम के रूप में देखा है। वें श्री कृष्ण के दर्शन बार-बार करना चाहती हैं और उनको पाने के लिए अनेक कार्य करने को तैयार है। जैसे कि मीराबाई श्री कृष्ण के लिए नौकर बनने को तैयार हैं और उनके लिए बाग लगाकर माली बनने को भी तैयार है। वृंदावन की कुंज गलियों में घूम-घूमकर श्री कृष्ण की लीला का गुणगान करने को तैयार है।

(ख) निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-

प्रश्न 1. हरि आप हरो जन री भीर।

द्रोपदी री लाज राखी, आप बढ़ायो चीर।

भगत कारण रूप नरहरि, धों आप सरीर।

उत्तर: काव्य-सौंदर्य

काव्य-सौंदर्य – इन पंक्तियों में शांत रस प्रधान है। मीरा श्रीकृष्ण के भक्ति भाव को प्रकट कर रही है। मीरा कहती है हे श्री कृष्ण आप अपने भक्तों के कष्टों को हरने वाले हो। जिस प्रकार आप ने चीर बढ़ाकर द्रोपदी की लाज रखी व नरसिंह रूप धारण कर प्रह्लाद की पीड़ा को दूर किया। उसी प्रकार आप हमारी परेशानी को भी दूर करो।

शिल्प-सौंदर्य

1. भाषा – गुजराती – राजस्थानी मिश्रित भाषा

2. अलंकार – उदाहरण अलंकार

3. छंद – “पद”

4. रस – भक्ति रस

प्रश्न 2. बूढ़तो गजराज राख्यो, काटी कुण्जर पीर।

दासी मीरां लाल गिरधर, हरो म्हारी भीर।

उत्तर: काव्य-सौंदर्य – इन पंक्तियों में मीरा श्री कृष्ण से उनके दुख दूर करने की विनती कर रही है और अपने आराध्य का भक्तवत्सल रूप दर्शा रही हैं। मीरा कहती है कि है श्री कृष्ण जिस प्रकार अपने संकट में डूबे हुए एरावत हाथी को मगरमच्छ से बचाया था। उसी प्रकार मेरी भी संकटों में रक्षा कीजिए।

प्रश्न 3. चाकरी में दरसन पास्यूँ, सुमरण पास्पो खरची।

भाव भगती जागीरी पास्यूँ, तीनूं बाताँ सरसी।।

उत्तर: काव्य-सौंदर्य – इन पंक्तियों में कवित्री ‘मीराबाई’ कृष्ण को प्रियतम के रूप में देख रही है। वह बार-बार कृष्ण के दर्शन करना चाहती हैं। अतः वे अपने प्रिय भगवान श्रीकृष्ण से कहती हैं- हे श्याम! मुझे अपनी दासी बना लो। क्योंकि उससे उन्हें हमेशा श्री कृष्ण के दर्शन प्राप्त होते रहेंगे, उन्हें श्रीकृष्ण को याद करने की जरूरत नहीं होगी और उनकी भाव भक्ति का साम्राज्य बढ़ता जाएगा।

भाषा अध्यन

प्रश्न1. उदाहरण के आधार पर पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए:
उदाहरण – भीर – पीड़ा/कष्ट/दुख; री – की

चीर……….बूढ़ता……….
धर्यो……….लगास्यूँ……….
कुण्जर……….घणा……….
बिन्दरावन……….सरसी……….
रहस्यूँ……….हिवड़ा……….
राखो……….कुसुम्बी……….

उत्तर:

चीरवस्त्रबूढ़ताडूबना
धर्योधारणलगास्यूँलगाना
कुण्जरहाथीघणाबहुत
बिन्दरावनवृंदावनसरसीअच्छी
रहस्यूँरहूंगीहिवड़ाहृदय
राखोरखनाकुसुम्बीकेसरिया

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