विकास नोट्स Class 10

Vikas Notes Class 10

अर्थव्यवस्था – एक ऐसा ढाँचा जिसके अंतर्गत लोगों की आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। आर्थिक विकास, एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक अर्थव्यवस्था की वास्तविक ‘प्रति व्यक्ति आय’ दीर्घ अवधि में बढ़ती है। लोगों या समूहों का प्राथमिक लक्ष्य- अधिक आय पाना है। इसके अतिरिक्त बराबरी, स्वतंत्रता, सुरक्षा व आदर भाव अन्य लक्ष्य हैं।

आर्थिक नियोजन- देश के साधनो का लाभ उठाकर देश के विकास को योजनाबध्द रूप से बढ़ाना है। देशों के मध्य तुलना करने के लिए उनकी आय सबसे मह्त्त्व्पूर्ण विशिष्टता समझी जाती हैं।

देशों के मध्य विकाश को नापने के लिए औसत आय के साथ सार्वजनिक सुविधाओं की उपलब्धता, स्वास्थ्य सेवाएँ, जन्म व मृत्यु दर, जीवन प्रत्याशा, प्रदूषण मुक्त वातावरण आदि मानको का भी प्रयोग किया जाता हैं। प्रत्येक देश के लिए औसत आय की गणना, अन्तराष्ट्रीय मुद्रा डॉलर में की जाती है। मानव

विकास सूचकांक – आय व अन्य कारकों की समाकेतिक सूची जिसके आधार पर किसी देश को उसकी गुणवत्ता के आधार पर वर्गीकरण किया जाता है मानव विकास सूचकांक कहलाता हैं। इसमें देशों की तुलना लोगों के शैक्षिक स्तर, स्वास्थ्य स्थिति और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर होती है। यह विभिन्न देशों में यह तुलना विकास के स्तर, स्वास्थ्य स्थिति और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर होती हैं।
अन्य राज्यों की अपेक्षा केरल में शिशु मृत्यु दर कम होती है क्योंकि इस राज्य में स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था हैं।

जीवन प्रत्याशा – जीवन प्रत्याशा से अभीप्राय है कि व्यक्ति के संभावित जीवित रहने का औसत वर्ष।

शिशु मृत्यु दर- शिशु मृत्यु दर किसी वर्ष में पैदा हुए 1000 जीवित बच्चों में से एक वर्ष की आयु से पूर्व मरने वाले शिशुओं का अनुपात शिशु मृत्यु दर कहलाता हैं।

निवल उपस्थिति अनुपात- 6-10 वर्ष कीआयु के स्कूल जाने वाले कुल बच्चों का उस आयु वर्ग के कुल बच्चों के साथ प्रतिशत/अनुपात को निवल उपस्थिति अनुपात कहते हैं।

साक्षरता दर- साक्षरता दर 7 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में साक्षर जनसंख्या का अनुपात को साक्षरता दर कहते हैं।

बी.एम.आई.- बी.एम.आई. शरीर द्र्व्य्मान सूचकांक पोषण द्वारावैज्ञानिक, किसी व्यस्क के अल्पपोषित होने की जाँच कर सकते हैं।

जन सुविधाओं : का अर्थ हैं, वे सुविधाएँ जो मानव जीवन को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक होती हैं।

अनवीकरणीय संसाधन – ये संसाधन सीमित मात्रा में उपलब्ध है और इन्हें पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता है इसे अनवीकरणीय संसाधन कहलाते हैं।

विकसित देश की विशेषताएँ:-
1. नई तकनीक व विकसित उधयोग।
2. उच्च स्थरीय रहन- सहन।
3. उच्च प्रति व्यक्ति आय।
4. साक्षरता दर उच्च
5. लोगों की स्वास्थ्य स्थिति बेहतर (जन्मदर, मृत्यु दर, पर नियंत्रण)

विकास शील देश की विशेषताएँ:-
1. औधोगिक रूप से पिछड़े हुए।
2. निम्न प्रति व्यक्ति आय।
3. साक्षरता दर निम्न।
4. सामान्य रहन- सहन।
5. बेहतर स्वास्थ्य का अभाव (अधिक मृत्यु दर)

आय के अतिरिक्त वे कारक जो हमारे जीवन में मह्त्त्व्पूर्ण भूमिका निभाते है। आय के अतिरिक्त बेहतर जीवन के लिए परिवार, रोज़गार, मित्रता, सुरक्षा व समानता की भावना, शांतिपूर्ण माहौल आदि भी मह्त्त्व्पूर्ण है। क्योंकि मुद्रा से केवल भौतिक वस्तुएँ ही ख़रीदी जा सकती है।

विकास की धारणीयता से अभिप्राय है कि पर्यावरण को नुक़सान पहुँचाए बिना विकास करना तथा वर्तमान पीढियो ज़रूरतों के साथ-साथ भावी पीढियो की ज़रूरतों का व्यान ध्यान रखना पढ़ता है।

इनकी मुख्य विशेषताएँ निम्न है:-
1. संसाधनो का विवेकपूर्ण उपयोग।
2. नवीकरणीय संसाधनो का अधिकतम उपयोग।
3. वैक्लपिक संसाधनो को ढूंढने मे मदद।
4. संसाधनो के पुनः उपयोग व चक्रिय प्रक्रिया को बढ़ावा।

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