अट नहीं रही सूर्यकांत त्रिपाठी निराला प्रश्न और उत्तर Class 10

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 4 – “Att Nahi Rahi hai.”

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 4 Att Nahi Rahi hai Questions and Answers

प्रश्न 1. छायावाद की एक खास विशेषता है अन्तर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना। कविता की किन पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है? लिखिए।

उत्तर: कविता के निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है कि प्रस्तुत कविता में अन्तर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाया गया है:

आभा फागुन की तन,

सट नहीं रही है।

और

कहीं सांस लेते हो,

घर-घर भर देते हो,

 उड़ने को नभ में तुम, 

पर पर कर देते हो, 

आँख हटाता हूँ तो,

हट नहीं रही है।

प्रश्न 2. कवि की आंख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?

उत्तर: कवि की आंख फागुन की सुंदरता से इसलिए हट नहीं रही है क्योंकि फागुन बहुत मतवाला, मस्त और शोभाशाली है। इस महीने में प्रकृति का सौंदर्य अत्यंत मनमोहक होता है। चारों ओर फैली हरियाली और खिले रंग-बिरंगे फूल अपनी सुगंध से सब को मुग्ध कर देते हैं। इसलिए कवि की आंखें फागुन की सुंदरता से मंत्रमुग्ध है, जो चाह कर भी वहां से नहीं हटती।

प्रश्न 3. प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किन रूपों में किया है?

उत्तर: प्रस्तुत कविता में कवि जीने फागुन की सर्वव्यापी सौंदर्य और मादक रूप के प्रभाव को दर्शाया है। पेड़ पौधे में पत्ते पाकर खेल रहे हैं फूलों की खुशबू वातावरण को सुगंधित कर रही है बाग बगीचों में चारों ओर हरियाली छा गई है डालिया कहीं हरी तो कहीं लाल पंक्तियों से भरी हुई हैं।

प्रश्न 4. फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है?

उत्तर: फागुन बाकी ऋतुओं से निम्नलिखित प्रकार से भिन्न है:

१. इस समय प्रकृति की शोभा अपने चरम पर होती है।

२. पेड़-पौधे नए पत्तों, फल और फूलों से लद जाते हैं।

३. हवा सुगंधित हो उठती है।

४. आकाश स्वच्छ होता है।

५. बाग-बगीचों और पक्षियों में उल्लास भर जाता हैं।

प्रश्न 5. इन कविताओं के आधार पर निराला के काव्य-शिल्प की विशेषताएं बताएं।

उत्तर: महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘ जी छायावाद के प्रमुख कवि माने जाते हैं। उनके काव्य-शिल्प की निम्नलिखित विशेषताएं हैं:

१. कविताओं में तत्सम शब्दों का प्रयोग उचित मात्रा में किया गया है।

२. कविताओं में अनुप्रास रूपक, यमक, उपमा आदि अलंकारों का प्रयोग अच्छे तरीके से किया गया है।

३. कविताओं की भाषा सरल, सहज, सुबोध और प्रवाहमयी है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 6. जैसे बादल उमड़-घुमड़कर बारिश करते हैं वैसे ही कवि के अंतर्मन में भी भावों के बादल उमड़-घुमड़कर कविता के रूप में अभिव्यक्त होते हैं। ऐसे ही किसी प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर अपने उमड़ते भावों को कविता में उतारिए ।

उत्तर: जगमगाते आसमान में बादल छाए,

बूंदों की मुस्कान सबको भाए।

पृथ्वी बैठी थी मधुरता से हँसती,

जैसे कवि की कलम वर्षा करती।

अंबर पर घुमड़ते भावों के बादल,

जीवन के आवेगों का पूर्णवत्सर।

प्रकृति की सुंदरता देख, अपने मन में,

कविता के रूप में उतार लो अपने इशार।

धरती की गोद में फूल खिले आमों के,

मिठास भरे पत्तों से ये प्रीतम आदे।

हर संसारी चिड़िया उड़ जाए आज,

पंछियों के आंचल में सबका ठहराव।

नदियों की धार में बहती मधुरता,

प्रकृति की विश्वव्यापी सुंदरता।

सभी धर्मों के नाम पर यही सिखाए,

प्यार, सौहार्द, और सबको सम्मान दिलाए।

वनों की गहराई से भरी हर छाँव,

सबके मन में छू जाए विचारों की गाथ।

अपनी कविता के माध्यम से कह दो,

प्रकृति की रमणीयता है सबसे बड़ा खजाना।

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