पर्वत प्रदेश में पावस प्रश्न और उत्तर Class 10

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 4, “Parvat Pradesh Mein Pavas,” offers comprehensive answers and explanations to the questions found in the textbook.

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 4 Parvat Pradesh Mein Pavas Questions and Answers

क. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

प्रश्न1- पावस ऋतु में प्रकृति में कौन कौन से परिवर्तन आते हैं। कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – पावस ऋतु में पहाड़ के प्राकृतिक दृश्यों में कई प्रकार के परिवर्तन आते हैं। जिन्हें कवि पल-भर में पहाड़ का वेश बदलता हुआ कहता है। जैसे – चारों तरफ हरियाली छा जाती है। और पहाड़ घने शांत भाग में खड़े रहते हैं। पहाड़ के निचले भागो में जल भर जाता है जो विशाल जलाशय सा प्रतीत होता है। जगह-जगह पर तालाब बन जाते है। वर्षा ऋतु में स्थान-स्थान पर झरने फूट जाते हैं जब वह पहाड़ से नीचे गिरते हैं, तो दूर से ऐसा लगता है जैसे पहाड़ पर कई मूर्तियों की लड़ियां लटक रही हो। काले घने बादलों के बारे में कवि कहता है, कि बादल ऐसे लगते हैं जैसे पहाड़ उड़कर अपने पंख फड़फड़ा रहा है और तालाबों के ऊपर बादल उतरते हुए धुएं के समान प्रतीत होते हैं मानो तालाब जल रहा है।

प्रश्न2- ‘मेखलाकार’ शब्द का क्या अर्थ है ?कवि ने इस शब्द का प्रयोग यहां क्यों किया है?

उत्तर -किसी वस्तु में मध्य भाग को चारों ओर से घेरने वाली डोर को मेखला या उसको करघनी भी कहा जाता है। जो चीज मेखला या करघनी के आकार की होती है, वह मेखलाकार हैं। सामान्य अर्थ में कमरबंद को मेखला कहते है। कवि ने पर्वत को मेखलाकार कहा है। पर्वत ऊपर उठे हुए गगन चुंबी होते हैं। जहां से पर्वत की चोटियां ऊपर को उठती रहती है, वहां पर वह मेखलाकार होती है।

प्रश्न3- ‘सहस्त्र दृग-सुमन’ से क्या तात्पर्य है ? कवि ने इस पद का प्रयोग किसके  लिए किया होगा?

उत्तर- पहाड़ों में हजारों वनस्पतियां विविध रंगों में दिखाई देती हैं। उनमें विभिन्न प्रकार के पुष्प भी होते हैं। हजारों प्रकार के हजारों दृश्य जो फूल के समान सुंदर दिखाई देते हैं वे मानो पहाड़ की आंखें हैं। उन पुष्पों से पहाड़ एकटक हो कर देख रहा है हजारों प्रकार के दुर्ग  सुमनो से पहाड़ की शोभा बढ़ रही है। पहाड़ के निचले भागो में जल भरा हुआ है जो महान जलाशय के समान दिखाई दे रहा है। कवि कहता है कि पहाड़ उन दुर्ग सुमनो से मानो उन जलाशयों को एकटक होकर निहार रहा है। उस जलाशय में वह अपने ही विशालकाय आकार को देख रहा है

प्रश्न4- कवि ने तालाब की समानता किसके साथ दिखाई है और क्यों?

उत्तर -कवि ने तालाब की समानता दर्पण से की है क्योंकि तालाब की दर्पण की तरह स्वच्छ और निरल प्रतिबिंब दिखा रहा है

प्रश्न5- पर्वत के ह्रदय से उठकर ऊंचे- ऊंचे वृक्ष आकाश की और क्यों देख रहे थे और वह किस बात को प्रतिबिंबित करते हैं।

उत्तर -पर्वत के ह्रदय में उठकर मुझे ऊंचे -ऊंचे वृक्ष आकाश की और ऊंची -ऊंची आकांक्षाएं लेकर देख रहे हैं मानव को और बढ़कर आकाश को छूना चाहते हैं इस बात को प्रतिबिंबित कर रहे हैं कि मानो वे किसी गंभीर चिंतन में मगन हो जब कोई गंभीर चिंतन में होता है तब वह निचेष्ट सा हो जाता है।

प्रश्न6- शाल के वृक्ष भयभीत होकर धरती में क्यों धस गए?

उत्तर- कवि के अनुसार वर्षा इतनी तेज और मूसलधार थी ऐसा लगता था की मानो आकाश धरती पर टूट पड़ा हो चारों तरफ धुआ सा उठता प्रतीत होता है ऐसा लगता है मानों तालाब में आग लग गई हो चारों ओर कोहरा छा जाता हैं पर्वत झरने आदि सब अदृश्य हो जाते हैं वर्षा के ऐसे भयंकर रूप को देखकर ही साल के वृक्ष भयभीत हो कर धरती में फंसे हुए प्रतीत होते हैं।

प्रश्न7- झरने किसे गौरव का गांव कर रहे हैं? बहते हुए झरने की तुलना किससे की गई है।

 उत्तर -झरने पर्वतों की गाथा का गाना कर रहे हैं बहते हुए झरने की तुलना मोती की लड़कियो से की गई हैं

ख. निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए:

प्रश्न1- है टूट पडा भू पर अंबर।

उत्तर- कवि ने इस पंक्ति में वर्षा ऋतु के मूसलाधार बारिश का वर्णन करते हुए कहा है कि बादलों से इतनी तेज वर्षा हुई कि ऐसा लगा जैसे आकाश धरती पर टूट पड़ा हो।

प्रश्न2- यों जलद यान में विचर विचर

था इंद्र खेलता इंद्रजाल।

उत्तर – पंक्तियों में कवि नए वर्षा के देवता इंद्र बादल रूपी वाहन में घूम घूम कर जादू करतब दिखा रहे हैं यानी प्रकृति में पल पल परिवर्तन ला रहे हैं।

प्रश्न3- गिरिवर की ओर से उठ उठ कर

उच्चकक्षाओं तरुवर है झांक रहे नीरव पर

अनिमेष अटल कुछ  चिंतापर।

उत्तर -इन पंक्तियों में कवि ने पर्वतों पर उगे हुए वृक्षों का वर्णन करते हुए कहा हैं कि वह एक एकटक स्थिर चिंता में डूबे मन में उच्च आकांक्षाएॉ लिए हुए शांत अकाश की और देख रहे हैं।

योग्यता विस्तार

1. इस कविता में वर्षा ऋतु में होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों की बात कही गई है। आप अपने यहाँ वर्षा ऋतु में होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए।

उत्तर – वर्षा को जीवन दाहिनी रितु कहा जाता है। वर्षा ऋतु का इंतजार ग्रामीण या शहरी दोनों क्षेत्रों में विशेष रूप से किया जाता है। वर्षा आते ही जीव जंतुओं में नवजीवन का हर्षोल्लास भर जाता है। 

इस ऋतु में दिखाई देने वाले अनेक प्राकृतिक परिवर्तन निम्नलिखित है:

१. धरती पर सुख और मुझे हुए पेड़ पौधे हरे हो जाते हैं।

२. प्रकृति हरी-भरी हो जाती है।

३. ग्रीष्म ऋतु से तापी धरती शीतल हो जाती है।

४. नदी तालाब वर्षा के पानी से भर जाते हैं।

५. रातें काली और घनी हो जाती है।

परियोजना कार्य

1. वर्षा ऋतु पर लिखी गई अन्य कवियों की कविताओं का संग्रह कीजिए और कक्षा में सुनाइए ।

उत्तर – छात्र स्वयं करें।

2. बारिश, झरने, इंद्रधनुष, बादल, कोयल, पानी, पक्षी, सूरज, हरियाली, फूल, फल आदि या कोई भी प्रकृति विषयक शब्द का प्रयोग करते हुए एक कविता लिखने का प्रयास कीजिए।

उत्तर – छात्र स्वयं करें।

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