अपठित काव्यांश Class 10

Apathit kavyansh Class 10

1. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए।

कहती है सारी दुनिया जिसे किस्मत,

नाम है उसका हकीकत में मेहनत।

जो रचते हैं, खुद अपनी किस्मत, वे कहे जाते हैं साहसी, जो करते हैं, ईश्वर से शिकायत, वे कहे जाते हैं, आलसी।

जो रुक गया, मिट गया उसका नामो-निशा

जो चलता रहा, अपनी मंज़िल वो पा गया।

खुशी के हकदार हैं वही, जिन्होंने दुख को सहा, छोड़ के दामन फूलों का, काँटों की राह को चुना।

निराशा का अंधकार मिटाकर, आशा के दीप जलाओ, छोड़ भाग्य की दुहाई, अपनी किस्मत स्वयं बनाओ। 

1. कवि के अनुसार ‘किस्मत’ है – 

(क) परिश्रम

(ख) रहमत

(ग) सेहत

(घ) भाग्य

2. कवि ने किस्मत का रचयिता कहा है-

(क) साहसी को

(ख) विद्वान को

(ग) भाग्यवादी को

(घ) परिश्रमी को

3. अपने लक्ष्य को जो प्राप्त कर लेता है, वह है-

(क) भाग्यवादी

(ख) आस्तिक

(ग) गतिशील

(घ) नास्तिक

4. वास्तविक प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए आवश्यक है –

(क) कष्टों और दुःखों से बचकर युक्ति से कार्य करना

(ख) आसान के बजाय कष्ट एवं संघर्ष का मार्ग चुनकर सफल होना

(ग) कष्ट सहना

(घ) कष्टों की परवाह न करना

5. प्रस्तुत पद्यांश का उचित शीर्षक है। 

(क) भाग्य की दुहाई

(ख) कर्म और मनुष्य

(ग) आशा और निराशा

(घ) मेहनत ही किस्मत रचती है

Answer : 

1. (क) परिश्रम।

2. (क) साहसी को।

3 (ग) गतिशील।

4. (ख) आसान के बजाय कष्ट एवं संघर्ष का मार्ग चुनकर सफल होना

5. (क) भाग्य की दुहाई।

2. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए।

मोको कहाँ ढूँढे बंदे, मैं तो तेरे पास में।

ना मैं देवल ना मैं मसजिद, ना काबे कैलास में। 

ना तो कौने किया-कर्म में, नहीं योग वैराग में।

खोजी होय तो तुरतै मिलिहौं, पल भर की तालास में। 

कहैं कबीर सुनो भाई साधो, सब स्वाँसों की स्वाँस में ।।

(i) लोग ईश्वर को कहाँ ढूँढते हैं? 

(क) मंदिर में

(ख) मसजिद में 

(ग) काबा और कैलाश में

(घ) उपर्युक्त सभी जगह

उत्तर: (ग) काबा और कैलाश में

(ii) ईश्वर कहाँ रहता है? 

(क) मूर्ति में 

(ख) काशी में 

(ग) प्राणी के हृदय में

(घ) काबा में

उत्तर: (ग) प्राणी के हृदय में

(iii) हम ईश्वर को क्यों नहीं हूँढ पाते हैं?

(क) क्योंकि हम अपने अंतःकरण को नहीं टटोलते

(ख) क्योंकि हम मूर्तिपूजा नहीं करते

(ग) क्योंकि हम तीर्थ यात्रा नहीं करते

(घ) क्योंकि हम अपने को बहुत ज्ञानी समझते हैं

उत्तर: (क) क्योंकि हम अपने अंतःकरण को नहीं टटोलते

(iv) कबीर ने इस पद में किस बात पर जोर दिया

(क) मूर्तिपूजा पर

(ख) तीर्थयात्रा पर

(ग) पीतांबर धारण करने पर

(घ) ईश्वर का अपने हृदय में ध्यान करने पर

उत्तर: (घ) ईश्वर का अपने हृदय में ध्यान करने पर

(v) कबीर ने किन- किन धारणाओं का खंडन किया? 

(क) कि ईश्वर मूर्तियों में है

(ख) ईश्वर तीर्थों में बसता है 

(ग) ईश्वर काबा या कैलाश में है

(घ) उपर्युक्त सभी का खंडन किया है

उत्तर: (घ) उपर्युक्त सभी का खंडन किया है

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