आत्मकथ्य जयशंकर प्रसाद प्रश्न और उत्तर Class 10

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 3 – Aatmkathya Jaishankar Prasad.

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 3 Aatmkathya Jaishankar Prasad Questions and Answers

प्रश्न1. कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहते हैं?

उत्तर: आत्मकथा लिखने के लिए अपने मन की दुर्बलताओं और कमियों का उल्लेख करना पड़ता है। कवि का स्वभाव बहुत सरल है और अपनी इस सरलता के कारण उन्होंने कई बार धोखा भी खाया है। उनके जीवन में बहुत सारी पीड़ादायक घटनाएं हुई हैं जिन्हें वह फिर से याद नहीं करना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि उनकी आत्मकथा में कुछ रोचक और प्रेरक नहीं है।

प्रश्न 2. आत्मकथा सुनने के संदर्भ में ‘अभी समय भी नहीं’ कवि ऐसा क्यों कहता है?

उत्तर: कवि को लगता है कि आत्मकथा लिखने का अभी उचित समय नहीं हुआ है क्योंकि उनका जीवन संघर्षों से भरा पड़ा है और उनके अनुसार अब तक उन्होंने कोई बड़ी उपलब्धि प्राप्त नहीं की है। वे अपने अभावग्रस्त जीवन के दुखों को खुद तक ही सीमित रखना चाहते हैं इसलिए वे कहते हैं की आत्मकथा लिखने का समय अभी नहीं हुआ है।

प्रश्न3. स्मृति को ‘ पाथेय ‘ बनाने से कवि का क्या आशय है? 

उत्तर: ‘ पाथेय ‘ अर्थात रास्ते का सहारा। कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था, वह उसे कभी प्राप्त नहीं हुआ। जिस प्रकार ‘ पाथेय ‘ यात्रा में यात्री को सहारा देता है ठीक उसी प्रकार स्वप्न में उनके द्वारा देखी हुए सुख की स्मृति भी उनको जीवन मार्ग में आगे बढ़ने का सहारा देती है।

प्रश्न 4. भाव स्पष्ट कीजिए-

(क) मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया। 

आलिंगन में आते-आते मुसक्या कर जो भाग नया।

उत्तर: कभी कहना चाहता है कि जिस प्रेम का कवि सपने देख रहा था वह उसे कभी प्राप्त नहीं हुआ। सुख हमेशा उनके करीब आते-आते रह गया और उनका जीवन हमेशा सुख से वंचित रहा।

(ख) जिसके अन कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में। अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।

उत्तर: इन पंक्तियों में कवि अपनी प्रेयसी के सौंदर्य का वर्णन करते हुए लिखते हैं कि उनकी प्रियसी के गालों की लालीमा इतनी अधिक है की भोर वेला भी अपनी मधुर लालिमा उनके गालों से लिया करती थी। कवि की प्रेयसी की लालिमा के सामने उषा की लालिमा भी फीकी है।

प्रश्न 5. ‘उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की’- कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?

उत्तर: कवि कहना चाहता है, कि अपनी प्रेयसी के साथ चांदनी रातों में बिताए हुए वो सुखदायक पल उनके लिए किसी उज्जवल गाथा की तरह है जिसने उनके अंधकार में जीवन में उन्हें आगे बढ़ने का एकमात्र सहारा दिया। कवि को डर है की इन स्मृतियों का दूसरों को पता चलता है तो वह उनका मजाक उड़ाएंगे इसलिए वह इन स्मृतियों को अपने तक ही सीमित रखना चाहते हैं।

प्रश्न 6. ‘आत्मकथ्य ‘ कविता की काव्यभाषा की विशेषताएँ उदाहरण सहित लिखिए।

उत्तर: ‘जयशंकर प्रसाद’ द्वारा रचित कविता ‘आत्मकथ्य’ की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

1. इस कविता में खड़ी बोली भाषा के शब्दों का प्रयोग हुआ है।

जैसे: जिसके अरुण-कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।

2. अलंकारों के प्रयोग से काव्य सौंदर्य और बढ़ गया है।

उदाहरस्वरूप: पुनरुक्ति अलंकार: खिल-खिलाकर।

अरुण-कपोलों में रूपक अलंकार है।

3. इसमें तत्सम शब्दों का प्रयोग भी किया गया है।

जैसे: इस गंभीर अनंत नीलिमा में असंख्य जीवन इतिहास।

प्रश्न 7. कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था उसे कविता में किस रूप में अभिव्यक्त किया है?

उत्तर: कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था उसको उन्होंने अपनी प्रेयसी नायिका के माध्यम से व्यक्त किया है। कवि कहता है चांदनी रात में प्रेयसी के साथ हुई बातें उनके लिए सदा के लिए दुख में तब्दील हो गई है, क्योंकि उनकी प्रेयसी उनके आलिंगन में आने से पूर्व ही उनसे दूर चली गई है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न8. इस कविता के माध्यम से प्रसाद जी के व्यक्तित्व की जो झलक मिलती है, उसे अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर: इस कविता को पढ़कर प्रशाद जी के व्यक्तित्व की ये विशेषताएं हमारे सामने आती हैं कि प्रसाद जी एक सीधे-सादे व्यक्तित्व के इंसान थे। उनके जीवन में दिखावा बिलकुल भी नहीं था। वे अपने जीवन के सुख-दुख को कभी भी लोगों से व्यक्त नहीं करना चाहते थे। और अपनी दुर्बलताओं को अपने तक ही सीमित रखना चाहते थे क्योंकि अपनी दुर्बलताओं को समाज में प्रस्तुत कर वे स्वयं को हँसी का पात्र बनाना नहीं चाहते थे। प्रशाद जी स्वयं को दुर्बलताओं से भरा मानते थे। जिसके कारण वे स्वयं को श्रेष्ठ कवि मानने से इनकार करते हैं।

प्रश्न 9. आप किन व्यक्तियों की आत्मकथा पढ़ना चाहेंगे और क्यों?

उत्तर: हमें महान, प्रसिद्ध और कर्मठ लोगों की आत्मकथा पढ़कर उनसे शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए –

(1) महात्मा गाँधी की आत्मकथा – हमें महात्मा गाँधी की आत्मकथा पढ़नी चाहिए। इससे हमें उनके जीवन को सत्य तथा अहिंसा के साथ जीने की जानकारी और प्रेरणा मिलती है।

(2) भगत सिंह की आत्मकथा  – देशभक्त भगतसिंह की आत्मकथा को पढ़ने से हमें भी देश-भक्ति की प्रेरणा मिलती है।

(3) महावीर प्रसाद द्विवेदी की आत्मकथा  – वें एक महान साहित्यकार थे। उनकी आत्मकथा को पढ़कर हमें भी उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।

प्रश्न 10. कोई भी अपनी आत्मकथा लिख सकता है। उसके लिए विशिष्ट या बड़ा होना जरूरी नहीं। हरियाणा राज्य के गुड़गाँव में घरेलू सहायिका के रुप में काम करने वाली बेबी हालदार की आत्मकथा बहुतों के द्वारा सराही गई। आत्मकथात्मक शैली में अपने बारे में कुछ लिखिए।

उत्तर:

आत्मकथात्मक शैली –

(1) जीवन परिचय

(2) शिक्षा

(3) जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएँ

(4) उपलब्धियाँ

(5) जीवन का आदर्श

(6) उद्देश्य

 उपर्युक्त बिन्दुओं की सहायता से बच्चे स्वयं अपना आत्मकथ्य लिखें।

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